एमआइटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, पुणेद्वारा आयोजन
राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में जुटेंगे चार हजार विधायक
मुंबई में १५ से १७ जून तक होेने वाले सम्मेलन में होंगे ४० सत्र
लातूर, 6 जून. लोकतंत्र में नीति निर्माण, विधायिका को मजबूती, सदन में विधयकों की भूमिका और कार्य व्यवहार सहित ४० विषयों पर मंथन के लिए देशभर के विधायक महाराष्ट्र के मुंबई में जुटेंगे. पहली बार मुंबई के बीकेसी में १५ से १७ जून तक राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत आयोजित किए जाएगा. जिसमें 2000 विधायकों के शामिल होने की उम्मीद है. अभी तक २५०० विधायक नामांकन करा चुके है. ऐसी जानकारी विधायक रमेशअप्पा कराड, संसद सदस्य सुधाकर शृंगारे व राष्ट्रीय विधायक संमेलन के सदस्य योगेश पाटील ने पत्रकार वार्ता में दी.
इस मौके पर प्रकाश महाले उपस्थित थे. इस सम्मेलन को लेकर विधायकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय व्यापक सतत विकास के केंद्रीय विचार के साथ आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन समारोह १६ जून को होगा. इसके अलावा ४० समानांतर सत्र और गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
भारत की लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, डॉ. मीरा कुमार, शिवराज पाटिल चाकुरकर, मनोहर जोशी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस बैठक के मार्गदर्शक और आयोजक है. एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के संस्थापक अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड के दिमाग की उपज राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत की अवधारणा की कल्पना की गई थी. इस बैठक के मुख्य आयोजन समन्वयक है.
इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद के उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटिल का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है.
सम्मेलन में सार्वजनिक जीवन में तनाव प्रबंधन, सतत विकास के उपकरण और निहितार्थ, कल्याणकारी योजनाएं. अतिम व्यक्ति का उत्थान, आर्थिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना और प्रशंसनीय कानून जैसे विषयों पर चर्चा होगी. कार्यः जीवन संतुलनः सफलता की कुंजी, अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास की कला और कौलश, अपनी छवि बनाएंः उपकरण और तकनीक, विधायी प्रदर्शनः उम्मीदों पर खरा उतरना और समाज कल्याण के लिए सहयोगः नौकरशाहों और विधायकों पर चर्चा की जाएगी.
राउंड टेबल इंडिया २०४७ हमारा फोकसः सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चर्चा, राजनीति का आध्यात्मिककरणः आध्यात्मिक नेताओं द्वारा चर्चा, अमृत काल में भारत का परिवर्तनः व्यापार और उद्योग के नेताओं द्वारा चर्चा, विधायी मामलेः सचिवों द्वारा चुनौतियां और आगे की चर्चा सभी राज्य विधानसभाओं की, भारत २०४७ हमारा फोकसः सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चर्चा, मीडिया २०४७ हमारा फोकसःसभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चचार्र्, मीडिया २०४७ हमारा फोकसः भूमिकाएं और जिम्मेदारियांः संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा चर्चा, कानून और नागरिक २०४७ हमारा फोकसः कानूनी विशेषज्ञों द्वारा चर्चा होगी.
प्रत्येक सत्र में ५० विधायक उक्त विषयों पर चर्चा करेंगे. इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री और विपक्ष के नेता प्रत्येक सत्र के अध्यक्ष का पद संभालेंगे.
भारत के सभी राज्यों के कुल १८०० विधायक अबतक नेशनल लेजिस्लेटिव कांफे्रंस में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है.साथ ही कुल २५०० विधायकों के आने की उम्मीद है.
राष्ट्रीय विधानमंडल सम्मेलन देश के विभिन्न राज्यों के विधायकों को एक दूसरे के साथ बातचीत करने, सुशासन के मुद्दों के बारे में जानने और लोकतंत्र को मजबूत करने में सक्षम बनाने के लिए बनाया गया है.
सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुसार, जनता द्वारा विश्वास के साथ चुना गया विधायक सतत सर्वांगीण विकास लाने में सबसे महत्वपूर्ण कारक है. यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि स्थानीक स्तर पर विधायकों द्वारा महसूस किया गया चहुंमुखी सतत विकास सही अर्थों में राष्ट्र निर्माण है. नेशनल लेजिस्लेटिव कांफ्रेंस देश के विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्रों में सतत प्रकृति का सर्वांगीण विकास प्राप्त करने के लिए नई चेतना, प्रेरणा, अभिनव व्यापक दृष्टि और निश्चित दिशा प्रदान करेगी.इस बैठक से देश के विधायकों को जो रचनात्मक कार्य की प्रेरणा, चेतना, दृष्टि और निश्चित दिशा मिलेगी. ऊह नेशनल लेजिस्लेटिव कांफ्रेंस का बहुत ही मौलिक परिणाम हो सकता है.
देश के विभिन्न राज्यों के लिए राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय लोकतंत्र के समग्र सशक्तिकरण और राष्ट्र के समग्र सतत विकास के बारे में रचनात्मक रूप से सोचना, स्वतंत्र और एकीकृत हुए बिना एक राज्य के रूप में अपनी स्वतंत्रता और विविधता को संरक्षित करना अधिक संभव होगा. मुख्य रूप से इसी विचारधारा को सामने रखते हुए यह बैठक देश के सभी विधायकों को एक मंच पर लाएगी और एक बहुत ही मौलिक कार्य होगा.
देश में पहली बर हो रहा यह सम्मेलन देश को लगातार प्रगतिशील सोच और नेतृत्व देने वाली महाराष्ट्र की धरती मुंबई में हो रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने इस बैठक के आयोजन में मेजबान की भूमिका में भाग लिया है. आयोजकों ने राष्ट्रीय विकास सम्मेलन का आव्हान किया है कि देश के उज्ज्वल भविष्य का निरन्तर अध्ययन और शोध करने वाले ज्ञान, विचारक, पत्रकार,साहित्यकार, रचनात्मक समाजसेवी स्वागत करें.